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आगरा- यमुना के डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेशों के बाद आखिरकार एडीए को कार्रवाई करनी पड़ी। बुधवार को प्रवर्तन दल ने फाउंड्री नगर क्षेत्र में बने एक निर्माण को जेसीबी से ध्वस्त किया। इस दौरान चहारदीवारी के भीतर बनाए गए कमरे और दीवार को तोड़ा गया। हालांकि, इस कार्रवाई के बाद भी वादी ने एडीए की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
मामला फाउंड्री नगर के संजीव नगर और शोभा नगर के बीच तिवारी बाबा मंदिर के सामने का है। यह इलाका एडीए के छत्ता वार्ड में आता है। यहां विनय प्रताप सिंह द्वारा यमुना के डूब क्षेत्र में निर्माण कार्य किया जा रहा था। इसे लेकर संजीव नगर निवासी अजय कुमार ने पिछले साल इलाहाबाद हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने याचिका में प्रदेश सरकार, डीएम, नगर निगम, एडीए और सिंचाई विभाग सहित विनय प्रताप को प्रतिवादी बनाया था।
याचिका में साफ तौर पर मांग की गई थी कि यमुना के डूब क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जाए और अवैध निर्माण रोका जाए। नोटिस के बाद एडीए ने अपने हलफनामे में अतिक्रमण की पुष्टि की थी और संबंधित व्यक्ति को नोटिस भेजने की बात कोर्ट को बताई थी। दिसंबर में हाई कोर्ट ने एडीए को सख्त निर्देश देते हुए याचिका का निस्तारण कर दिया था।
इसके बावजूद जब मौके पर कार्रवाई नहीं हुई तो अजय कुमार ने जुलाई में अवमानना याचिका दायर कर दी। इस पर एडीए ने जवाब में कहा कि ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी किया गया है। बुधवार को कार्रवाई हुई तो वादी अजय कुमार ने कहा कि केवल कमरे और दीवार को गिराया गया है, जबकि डूब क्षेत्र में बनी पूरी चहारदीवारी अब भी जस की तस खड़ी है। उनके अनुसार, अगर वास्तव में अवैध निर्माण रोकना है तो उसे भी ध्वस्त करना चाहिए।
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