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आगरा- कभी बैलगाड़ी से बारात निकलने वाला भारत आज चार्टर प्लेन से दूल्हा-दुल्हन को लेकर उड़ान भर रहा है। यही बदलाव भारत की वेडिंग इंडस्ट्री की ताकत और विकास को दिखाता है। अब अगर शहर का माहौल, दृष्टिकोण और व्यवहार बदला जाए, तो आगरा देश का सबसे बड़ा वेडिंग डेस्टिनेशन बन सकता है।
इंडियन वेडिंग इंडस्ट्रीज कॉन्क्लेव एंड एक्सपो-2025 के उद्घाटन समारोह में यह बात केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने कही। उनका मानना है कि आगरा की बेहतर कनेक्टिविटी, एक्सप्रेसवे, रेल और हवाई मार्ग इसे देश का प्रमुख वेडिंग हब बना सकते हैं। सुरक्षा और सुविधाओं के लिहाज से भी शहर पूरी तरह तैयार है।
“वेड इन इंडिया” के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में कदम
वेडिंग इंडस्ट्रीज एसोसिएशन उत्तर प्रदेश द्वारा आयोजित दो दिवसीय कॉन्क्लेव में देशभर से वेडिंग एक्सपर्ट, होटल संचालक, डिजाइनर, फोटोग्राफर और इवेंट मैनेजर जुटे। एसोसिएशन के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वेड इन इंडिया” विजन को हकीकत में बदलना है।
महासचिव संदीप उपाध्याय ने कहा कि आगरा, अयोध्या, मथुरा, वृंदावन और वाराणसी जैसी जगहों की सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिक सुविधाओं से जोड़कर प्रदेश को भारत का प्रमुख वेडिंग डेस्टिनेशन हब बनाया जा सकता है।
एक छत के नीचे शादी की हर जरूरत
एक्सपो में देशभर से आए 50 से अधिक प्रदर्शकों ने स्टॉल लगाए, जिनमें वेडिंग प्लानर्स, होटल ग्रुप्स, ज्वेलरी ब्रांड्स, फैशन डिजाइनर्स, फोटोग्राफर्स, लाइट एंड साउंड प्रोवाइडर्स, और हवाई चार्टर सर्विसेज शामिल थीं।
शाम को अंतरराष्ट्रीय मॉडलों ने शानदार रैंप शो पेश किया, जबकि दीवान-ए-खास सूफी बैंड की प्रस्तुति ने माहौल को रोमांचक बना दिया। बॉलीवुड अभिनेत्रियाँ सयाली भगत और महक चहल ने वेडिंग इंडस्ट्री में बेहतरीन योगदान देने वालों को सम्मानित किया।
“हर शादी में घर जैसा एहसास और कम वेस्टेज”
पहले सत्र में ‘वेडिंग इंडस्ट्री में नवाचार और अनुभव की भूमिका’ विषय पर बोलते हुए एलिमेंट डिज़ाइन्स के निदेशक जगविंदर कोहली ने कहा कि आज के युग में ग्राहक न सिर्फ भव्य आयोजन चाहता है, बल्कि ऐसा अनुभव चाहता है जिसमें घर जैसा अपनापन महसूस हो। उन्होंने कहा कि आधुनिक दौर की हर शादी को ईको-फ्रेंडली बनाना अब समय की मांग है।
भारतीय शादियों की वैश्विक पहचान
‘भारतीय शादियों की वैश्विक पहुंच और नए डेस्टिनेशन’ सत्र में मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की परंपराएं और वैदिक संस्कृति अब वैश्विक आकर्षण का केंद्र बन रही हैं। काशी के घाटों या हिमालय की गोद में वैदिक विवाह जैसे आयोजन भारत की पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कर सकते हैं।
आगरा बन सकता है प्रीमियम डेस्टिनेशन हब
अंतिम सत्र ‘आगरा बन सकता है वेडिंग कॉरिडोर’ में नीरज राठी ने कहा कि आगरा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़कर इसे देश-विदेश के जोड़ों के लिए एक प्रीमियम डेस्टिनेशन वेडिंग हब के रूप में विकसित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि इससे न केवल पर्यटन को नई दिशा मिलेगी, बल्कि स्थानीय रोजगार और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
निष्कर्ष
आगरा की ऐतिहासिक पहचान, आधुनिक बुनियादी ढांचा और देश-विदेश से आसान पहुंच इसे भारत का “वेडिंग सिटी ऑफ द फ्यूचर” बना सकती है — बस जरूरत है एक संगठित दृष्टिकोण और सही प्रचार की।
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