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आगरा। फतेहपुर सीकरी के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हाल जानने के लिए मंडलायुक्त शैलेंद्र सिंह मंगलवार को विधायक चौधरी बाबूलाल के साथ ट्रैक्टर पर सवार होकर पहुंचे। दोनों ने सामरा और आसपास के डूबे गांवों का जायजा लिया और ग्रामीणों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं।
राजस्थान के भरतपुर स्थित अजान बांध से छोड़े गए पानी के चलते जिंदपुरा गांव के झाऊ मोरा खुलने पर सामरा, नगला सोमनाथ, नगला मौर्या, उत्तू और घोरोली समेत कई गांवों में पानी भर गया। नतीजा यह हुआ कि हजारों बीघा खेतों में खड़ी ज्वार, बाजरा, कपास और सब्जियां जलमग्न हो गईं।
शाम करीब सात बजे कमिश्नर और विधायक ट्रैक्टर से दो किलोमीटर पानी भरे रास्ते से होते हुए नगला सोमनाथ पहुंचे। प्राथमिक विद्यालय में ग्रामीणों ने उन्हें फसलों के नुकसान और राहत की कमी से अवगत कराया। इस पर विधायक बाबूलाल और उनके प्रतिनिधियों ने किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग रखी। कमिश्नर ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को नुकसान का सही आकलन करने और खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान हल्के-फुल्के पल भी आए।
ट्रैक्टर चलाते समय जैसे ही विधायक बाबूलाल ने गियर डाला, वाहन आगे बढ़ने के बजाय पीछे की ओर चल पड़ा। इस पर कमिश्नर ने मुस्कुराते हुए पूछा—“विधायक जी, आपके पास लाइसेंस तो है न?” विधायक भी हंसते हुए रह गए।
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इसी दिन मंडलायुक्त ने बल्केश्वर स्थित आईटीआई और कैलाश गांव में बने राहत शिविरों का भी निरीक्षण किया। बल्केश्वर कैंप में करीब 150 लोग रह रहे हैं। उन्होंने सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी प्रभावित परिवारों को समय पर खाना-पानी मिले और जरूरत पड़ने पर स्वास्थ्य शिविर भी लगाया जाए। यमुना घाट और कैलाश गांव में भी उन्होंने लोगों से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया
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