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आगरा- बच्चों की तस्करी करने वाले एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह का दिल्ली पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। कई सालों से सक्रिय यह गैंग आगरा के फतेहाबाद में नर्सिंग होम संचालक कमलेश कुमार के जरिए काम कर रहा था। पुलिस ने कमलेश समेत 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनमें चार महिलाएं भी शामिल हैं। आरोपितों की निशानदेही पर छापेमारी कर छह मासूम बच्चों को बरामद किया गया है, जिनकी उम्र एक साल से भी कम है।
अवैध गर्भपात से लेकर बच्चों की खरीद-फरोख्त तक
पुलिस जांच में सामने आया कि फतेहाबाद के केके नर्सिंग होम में अवैध गर्भपात कराया जाता था। इसी दौरान मेडिकल रिप्रजेंटेटिव (एमआर) सुंदर सिंह ने कमलेश और स्टाफ को बच्चों की तस्करी के धंधे में शामिल कर लिया। ये लोग बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों से बच्चों को अगवा करते और संतानहीन दंपतियों को मोटी रकम में बेच देते थे।
छह माह के बच्चे की चोरी से खुला राज
मामला तब खुला जब बांदा निवासी सुरेश ने शिकायत दी कि 22 अगस्त को दिल्ली के सराय काले खां बस अड्डे से उसका छह माह का बेटा गायब हो गया। सीसीटीवी फुटेज से पुलिस को पता चला कि वीरभान नाम का व्यक्ति बच्चे को लेकर जा रहा है। उसे फतेहाबाद से पकड़ा गया, जहां पूछताछ में उसने पूरे गिरोह का राज खोला।
4.30 लाख में खरीदा गया बच्चा
वीरभान ने बताया कि बच्चा रामबाबू के कहने पर लाया गया था और बाद में नर्सिंग होम मालिक कमलेश ने उसे 4.30 लाख रुपये में खरीद लिया। पुलिस ने कमलेश को गिरफ्तार किया, जिसने बच्चे को मास्टरमाइंड सुंदर सिंह को बेचने की बात कबूल की।
यूपी-राजस्थान सीमा से मास्टरमाइंड पकड़ा गया
अस्पताल पर छापे की खबर लगते ही सुंदर भाग निकला, लेकिन पुलिस ने करीब 50 किलोमीटर तक पीछा कर उसे यूपी-राजस्थान बॉर्डर से पकड़ लिया। पूछताछ में उसने बताया कि बच्चा कृष्णा शर्मा और प्रीति शर्मा नाम की दो बहनों को सौंपा गया था। दोनों बहनों को गिरफ्तार कर उनके घर से बच्चा बरामद हुआ।
तीन साल से चल रहा था गोरखधंधा
जांच में सामने आया कि गिरोह पिछले तीन साल से बच्चों की चोरी और बिक्री कर रहा था। पुलिस ने छापेमारी कर पांच और बच्चों को मुक्त कराया। इनमें तीन लड़के और दो लड़कियां शामिल हैं। कुछ बच्चे अनचाहे गर्भ से जन्मे थे, जिन्हें उनके परिवार ने छोड़ दिया था।
गिरफ्तार आरोपित और बच्चों की देखरेख
पुलिस ने वीरभान, कालीचरण, प्रीति शर्मा और ज्योत्सना को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। वहीं कमलेश कुमार, सुंदर सिंह, कृष्णा, रितु त्रिपाठी, रुबीना अग्रवाल और निखिल कुमार को रिमांड पर लिया गया है। बरामद बच्चों में से एक को माता-पिता को सौंप दिया गया है, जबकि बाकी को बाल कल्याण समिति की देखरेख में बाल सुधार गृह भेजा गया है।
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