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आगरा- नौकरी के सुनहरे सपने दिखाकर युवाओं को विदेश भेजने और वहाँ उन्हें साइबर ठगी में झोंकने का गोरखधंधा फिर सामने आया है। मलपुरा क्षेत्र के दो ममेरे भाइयों को कबूतरबाजों ने इसी तरह फँसाया। दोनों से लाखों रुपये ऐंठकर कंबोडिया भेजा गया और वहाँ बंधक बनाकर ठगी करने के लिए मजबूर किया गया। पुलिस ने शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
नौकरी के नाम पर ठगी
मलपुरा निवासी सौरभ होटल मैनेजमेंट का कोर्स कर रहे हैं। उनके ममेरे भाई अभिजान जयपुर में नौकरी करते हैं। दोनों की पहचान अजय शुक्ला नाम के शख्स से हुई, जिसने बैंकाक के रास्ते कंबोडिया में मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी दिलाने का झांसा दिया। कहा गया कि खाने-रहने की व्यवस्था के साथ हर महीने 800 डॉलर (करीब 70 हजार रुपये) वेतन मिलेगा।
दोनों ने इंदौर जाकर अजय से मुलाकात की। वहाँ रॉनी नाम का एक और व्यक्ति भी मिला। पासपोर्ट बनवाने के बाद दोनों ने आरोपियों को 3.10 लाख रुपये प्रति व्यक्ति दिए। 16 जून को वीज़ा और टिकट देकर उन्हें कंबोडिया भेज दिया गया।
साइबर ठगी के लिए बनाया दबाव
कंबोडिया पहुँचते ही दोनों को एक कंपनी के दफ़्तर में कैद कर दिया गया। वहाँ उनसे कहा गया कि भारतीयों को फंसाकर ऑनलाइन ठगी करनी होगी। दोनों ने साफ इंकार किया, तो शर्त रखी गई कि अगर बाहर निकलना है तो तीन-तीन लाख रुपये देने होंगे। मजबूर होकर परिवार वालों ने पैसे जुटाकर भेजे। तब जाकर 16 जुलाई को दोनों भारत लौट पाए।
अमानवीय हालात
पीड़ितों ने बताया कि वहाँ रहते समय उन्हें बाहर निकलने नहीं दिया जाता था। फोन पर केवल परिवार से बात करने की अनुमति थी। खाने में भी बेहद खराब क्वालिटी का भोजन दिया जाता था। चावल पर प्लास्टिक जैसी कोटिंग होती थी, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई। एक को पाइल्स और दूसरे को कमजोरी के चलते गंभीर परेशानी हो गई।
संगठित गिरोह का जाल
सौरभ ने बताया कि यह कोई अकेला शख्स नहीं, बल्कि पूरा गैंग है। युवाओं को नौकरी का लालच देकर विदेश भेजा जाता है। वीज़ा, टिकट और कॉन्ट्रैक्ट की पूरी फर्जी व्यवस्था होती है। वहाँ की अवैध कंपनियों से इन एजेंटों को कमीशन भी मिलता है।
पुलिस की कार्रवाई
साइबर थाने की इंस्पेक्टर रीता सिंह ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है। पीड़ितों के बयान और सबूतों के आधार पर आरोपियों तक पहुँचने की कोशिश की जा रही है। जल्द ही गैंग का पर्दाफाश कर गिरफ्तारी की जाएगी।
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