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उटंगन नदी हादसा आगरा। खेरागढ़ के कुसियापुर गांव में उटंगन नदी में दो अक्टूबर को हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे जिले को झकझोर दिया था। मूर्ति विसर्जन के दौरान नदी में डूबकर 12 युवकों की मौत हो गई थी। पांच दिनों तक चले बचाव अभियान में आखिरकार सात अक्टूबर को सभी शवों को निकाल लिया गया। इस अभियान में 50वीं पैरा ब्रिगेड की 411वीं पैराफील्ड कंपनी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें लगातार जुटी रहीं।
डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि दैवीय आपदा राहत कोष से प्रत्येक मृतक के परिजन को ₹4 लाख की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही जिस स्थान पर यह घटना हुई, वहीं ₹24 लाख की लागत से श्मशान घाट का निर्माण कराया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।
बुधवार को कलेक्ट्रेट में पत्रकारों से बातचीत के दौरान डीएम बंगारी भावुक हो उठे। उन्होंने कहा — “यह मेरे जीवन का सबसे कठिन और भावनात्मक बचाव अभियान था। 12 युवकों की मौत ने पूरे प्रशासन और समाज को भीतर तक हिला दिया।”
उन्होंने बताया कि उटंगन नदी के दलदल और जाल में फंसे शवों को निकालना बेहद मुश्किल था। लेकिन एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, 411वीं पैराफील्ड कंपनी, पुलिस, नगर निगम और ग्रामीणों की एकजुट कोशिशों से यह संभव हो सका। डीएम ने कहा कि इस अभियान में सहयोग करने वाले सभी अधिकारी, कर्मचारी और ग्रामीणों को 26 जनवरी 2026 को सम्मानित किया जाएगा।
डीएम ने बताया कि बचाव अभियान में 411वीं पैराफील्ड कंपनी के 19 जवान, एनडीआरएफ गाजियाबाद के 20, एसडीआरएफ इटावा के 15 और 27 पीएसी के जवानों का अहम योगदान रहा। पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।
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